भारत के मिसाइल मैन और पूर्व राष्ट्रपति, महान वैज्ञानिक और एक अच्छे शिक्षक के रूप में लोकप्रिय एपीजे अब्दुल कलाम का आज जन्मदिन है। *मिसाइलमैन के नाम से मशहूर एपीजे अब्दुल कलाम की आज 88वीं जयंती है।*
*15 अक्टू्बर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्व्रम में पैदा हुए कलाम साहब का पूरा जीवन देश सेवा और मानवता को समर्पित रहा।* अपने व्योस्तक जीवन में भी कलाम साहब नें कभी पठन-पाठन से खुद को दूर नहीं किया। *गरीबी में जन्में अब्दुल कलाम साहब रेलवे स्टेशन पर अखबार बेचा करते थे* लेकिन उन्होंने अपने हालातों के आगे कभी हिम्मत नहीं हारी और सपनों को मरने नहीं दिया। यही वजह है कि एपीजे अब्दुल कलाम का यह विचार आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है- *सपने वो नहीं हैं जो आप नींद में देखते हैं, सपने वो हैं जो आपको नींद ही नहीं आने दें।*
तो चलिए जानते उस महान शख्सियत के कुछ विचारों को और उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ रोचक तथ्यों के बारे में.........
एपीजे अब्दुल कलाम के विचार:
सपने वो नहीं हैं जो आप नींद में देखते हैं, सपने वो हैं जो आपको नींद ही नहीं आने दें। ('सपने वो नहीं होते जो आप सोने के बाद देखते हैं, सपने वो होते हैं जो आपको सोने नहीं देते)
जीवन में फेल होते हैं तो कभी हार न मानें क्योंकि *फेल (FAIL) मतलब फर्स्ट अटैम्प्ट इन लर्निंग होता है।*
अगर आप सूरज की तरह चमकना चाहते हैं तो पहले आपको *सूरज की तरह तपना होगा।*
आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत, असफलता नामक बीमारी को मारने के लिए सबसे बढि़या दवाई है।
इंतजार करने वालों को सिर्फ उतना ही मिलता है जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं।
*वैज्ञानिक से लेकर राष्ट्रपति तक का सफर.....*
एपीजे अब्दुल कलाम नें मुख्य रूप से एक वैज्ञानिक के रूप में *चार दशकों तक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) व इसरो को भी संभाला और देश में सैन्य मिसाइल के विकास के प्रयासों में भी शामिल रहे।*
पूर्व राष्ट्रपति कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली से की थी। उन्हें *साल 2002 में भारत का राष्ट्रपति बनाया गया था।* वहीं, पांच वर्ष की अवधि पूरी होने के बाद वे वापस शिक्षा, लेखन और सार्वजनिक सेवा में लौट आए थे।
*पेशे से मछुआरा परिवार से आने वाले एपीजे अब्दुल कलाम पांच भाई और पांच बहन थे।* इनके पिता नाविक थे और मछुआरों को किराए पर नाव दिया करते थे। ऐसा माना जाता है कि कलाम साहब का बचपन काफी गरीबी में बीता है। यही वजह है कि इतने बड़े परिवार का भरन-पोषण करना और शिक्षा दिलाना जब कलाम साहब के पिता के लिए मुश्किल होने लगा तब एपीजे अब्दुल कलाम ने *बचपन में अखबार भी बेचा।* अखबार बेचकर वह अपने पढ़ाई का खर्च भी निकालते थे।
*27 जुलाई, 2015 को हुआ निधन............. पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का 27 जुलाई, 2015 को शिलॉंग में निधन हो गया था* वे आईआईएम शिलॉन्ग में लेक्चर देने गए थे, इसी दौरान दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था। उनके निधन के बाद सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा भी की गई थी।
*1997 में मिला भारत रत्न*
एपीजे अब्दुल कलाम को भारत रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। यह सम्मान उन्हें *साल 1997 में* मिला था। इसके अलावा उन्हें *पद्म विभूषण,* *रामानुजन पुरस्कार,* *मानद डॉक्टेरेट, डॉक्टर ऑफ साइंस* आदि जैसे कई सम्मान मिल चुके थे।
*ऐसी महान शख्सियत को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि*
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